गोरखपुर : दो पक्षों में हुवे विवाद के बाद गोरखपुर शहर के छात्र संघ चौराहे स्थित पैनेसिया अस्पताल को सील कर दिया गया है । सोमवार दोपहर अस्पताल पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में जमकर विवाद हुआ, मौके पर पहुंची गोरखपुर कैंट पुलिस ने दोनों पक्षों के कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया ।
इस विवाद का विडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो रहा है, यह पूरा मामला सोमवार दोपहर का है ।
देर शाम डीएम के. विजयेंद्र पांडियन ने एसएसपी डॉ सुनील गुप्ता, एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट, और तहसीलदार की मौजूदगी में अस्पताल को सील करवा दिया।
दोपहर में विवाद के बीच बासगाँव भाजपा सांसद कमलेश पासवान भी मौके पर पहुंचे और विवाद करने वालों को समझाने की कोशिश की, मगर बात नहीं बनी। पुलिस ने दोनों पक्षों से आठ लोगों को 107/116 के तहत पाबंद किया है। मंगलवार को सिटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मामले की सुनवाई होगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, पैनेसिया हॉस्पिटल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। एक पक्ष से डॉ. प्रमोद तो दूसरी तरफ से विजय पांडेय हैं। अस्पताल अभी डॉ. प्रमोद कुमार की देखरेख में चल रहा है। डॉ. प्रमोद का दावा है कि 65 फीसदी हिस्सेदारी उनके पास है। अब अस्पताल का संचालन बेहतर हो, इस लिहाज से भाजपा सांसद कमलेश पासवान को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में जगह दी गई है। पासवान के पास पहले से अस्पताल चलाने का अनुभव है।
सांसद पर लगा अस्पताल पर कब्जा का आरोप
इसी दावे पर विजय पांडेय ने आपत्ति जताई। अस्पताल के बाहर आकर भाजपा सांसद को मनमाने तौर पर डायरेक्टर बनाने का आरोप लगाया। कहा कि सांसद को निदेशक बनाने का अधिकार डॉ. प्रमोद के पास नहीं है। इस बोर्ड में 13 लोग पहले से शामिल थे, जो कोई भी निर्णय ले सकते हैं। आरोप लगाया कि सांसद को गलत तरीके से डायरेक्टर बनाकर अस्पताल पर कब्जा किया गया है। अब किसी को घुसने नहीं दिया जाएगा। इसी बात पर विजय पांडेय और डॉ. प्रमोद के पक्ष के बीच विवाद होने लगा ।
सांसद कमलेश पासवान का कहना है कि अस्पताल पर कब्जे और किसी को धमकाने का आरोप निराधार है। डॉ. प्रमोद की 65 फीसदी हिस्सेदारी है, जिनकी सहमति से निदेशक बना हूं। अस्पताल डॉ. प्रमोद की देखरेख में ही चल रहा है, तो कब्जे का सवाल ही नहीं उठता ।
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