गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू) की दो छात्राओं को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा डीएसटी फैलोशिप के लिए चुना गया है।
पुरे देश भर में 216 छात्र-छात्राओं को इस फेलोशिप के लिए चुना गया है, चयनित छात्र – छात्राओं में गोरखपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग की छात्रा आकांक्षा सिंह और गणित विभाग की अंजलि पांडेय शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों से सिर्फ इन दोनों छात्राओं को फैलोशिप के लिए चुना गया है। इस फैलोशिप के तहत दोनों छात्राओं की पांच साल तक रिसर्च का खर्च अनुदान के रूप में मिलेगा।
अंजली गणित विभाग के प्रो. सुधीर कुमार श्रीवास्तव और आकांक्षा वनस्पति विज्ञान की प्रो. स्मृति मल्ल के निर्देशन में शोध कर रही हैं।
बैंगन की बीमारियों पर शोध कर रही हैं आकांक्षा
आकांक्षा सिंह ने बैगन में पाई जाने वाली बीमारियों पर शोध किया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रमुखता से उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियों में से एक बैगन की पैदावार को फाइटोप्लाजमा नामक सूक्ष्मजीव से होने वाली लिटिल लीफ बीमारी काफी नुकसान पहुंचाती है।
वर्तमान समय में इस बीमारी के निराकरण का उचित साधन उपलब्ध नहीं है, जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान होता है। इस समस्या के समाधान के लिए आकांक्षा ने शोध शुरू किया। इस शोध से हमें फाइटोप्लाज्मा से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद मिलेगी।
तारों के आंतरिक भौतिक परिवर्तन पर शोध कर रही अंजलि
गणित विभाग की अंजलि पांडेय का शोध विषय ‘आस्पेक्ट ऑफ ग्रेविटेशनल कॉलेएप्स एंड द स्पेस टाइम सिंगुलेरिटी’ है। इस शोध का प्रयास गुरुत्व निपात से संबंधित पहलुओं का अध्ययन करना और उनसे जुड़ी अनसुलझी समस्याओं का समाधान ढूंढना है।
ग्रेविटेशनल कोलेएप्स स्वयं में अंतरिक्ष की संरचना का जिम्मेदार माने-जाने वाला मूलभूत तंत्र है। अंतरिक्ष में मौजूद तारे और उनमें समय के साथ होने वाले परिवर्तन आज भी विज्ञान जगत के लिए अबूझ पहेली हैं। इस शोध के माध्यम से किसी तारे के आंतरिक भौतिक परिवर्तन का गणितीय अध्ययन किया जाएगा।
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