लोककल्याण के लिए CM योगी आदित्यनाथ को तोड़नी पड़ी परम्परा , गोरक्षपीठाधीश्वर और उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ जी ने लोककल्याण के लिए एक बार फिर परम्परा तोड़ दी है। कोरोना वायरस से अपने देश को बचाने के लिए किये गये लाकडाउन के बीच यह पहला मौका है जब रामनवमी पर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में मौजूद नहीं हैं ।
योगी आदित्य नाथ की गैरमौजूदगी में मंदिर के प्रथम पुजारी योगी कमलनाथ ने धार्मिक अनुष्ठान पूरे किए है । आपकी जानकारी के लिए आपको बता दे , प्रतेक साल योगी आदित्य नाथ धार्मिक रीति-रिवाजों, परम्पराओं का पालन करते हुवे इस पुजा को सम्पन्न कराते है ।
लेकिन इस बार कोरोना वायरस और लाकडाउन के चलते वे लोककल्याण के कार्यो मे व्य्स्त है , नाथ पंथ की परम्परा भी यही है कि वह किसी रूढि़-परम्परा में बंधकर न रहे बल्कि देश, काल, परिस्थिति और लोककल्याण के लिए जब जो जरूरी हो वो करे। सो, अखिल भारत वर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ-योगी महासभा के अध्यक्ष योगी आदित्यनाथ ने रामनवमी पर वर्षों पुरानी परम्परा तोड़कर यही संदेश दिया है। योगी पहले भी कुछ मौकों पर परम्पराएं तोड़कर नाथ पंथ की परम्परा निभाते रहे हैं।
गोरखनाथ मंदिर से वर्षों से जुड़े लोग इसके गवाह हैं। योगी आदित्यनाथ चैत्र और शारदीय नवरात्रि में नौ दिन का व्रत रखते हैं। नवरात्रि में नौ दिन वह शक्ति की उपासना करते हैं।
जनता सराह रही मुख्यमंत्री के काम को
लेकिन इस बार CM Yogi Adityanath ने अपना सारा समय लोककल्याण के लिए दे रहे है , इस लाकडाउन मे वे लोगो के दिलो मे बसे हुवे है । वे प्रदेश की जनता के लिए काफी मेहनत कर रहे है ।
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