गोरखपुर: कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के वजह से जहा ज्यादातर लोग परेशान हुए वही कुछ लोगो ने लॉकडाउन को अवसर समझकर उसका उपयोग किया ।
उन्ही लोगो में शामिल हैं गोरखपुर के गंगा राम चौहान, बता दे कि इन्होने साइकिल पर इकोफ्रेंडली आटाचक्की बनाई है जिसे चलाने के लिए किसी भी तरह के इधन की कोई जरुरत नही है ।
जुगाड़ से बने इस आटाचक्की में आप गेहूं के साथ ही अन्य कई तरह के अनाजो को भी पीसा जा सकता है और साथ ही साइकिलिंग कर खुद को सेहतमंद भी रखा जा सकता है ।
गंगा राम चौहान का यह देसी जुगाड़ वाला आटाचक्की लोगो को काफी पसंद आ रहा है, यह लोगो को सेहतमंद रहने मे मदद तो करता ही है साथ ही आपके घर के रोजमर्रा के उपयोग मे भी काफी फायदेमंद साबित हो रहा है ।
गोरखनाथ थाना क्षेत्र के रहने वाले है गंगा राम
बता दे कि गोरखपुर के गोरखनाथ थाना क्षेत्र स्थित रामजानकी नगर के रहने वाले बीकाम पास गंगाराम ने इस आटाचक्की को दो महीने के कठीन मेहनत के बाद तैयार किया है । इस आटाचक्की को तैयार करने मे लगभग 10 हजार रुपये का लागत आया है ।
गंगा राम बताते है कि इस चक्की के उपरी भाग मे अनाज डालने पर वह एक पाइप के सहारे पाट मे गिरेगा जिसे साइकिल चलाने पर पिसकर निचे लगे डिब्बे मे आटा एकत्र हो जायेगा ।
आपने अभी तक बहुत सारी आटाचक्की देखे होंगे लेकिन गंगा राम के इस आविष्कार को लोग काफी सराह रहे है, इसे बनवाने के लिए लोग आर्डर भी दे रहे है ।
बता दे कि 25 अक्टूबर 2018 में लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों द्वारा गंगा राम चैहान को राज्य वैज्ञानिक सम्मान से पुरस्कृत किया गया जा चुका है ।
उनसे इस चक्की और अन्य आटा चक्की मे अंतर पुछने पर उन्होने बताया कि इसकी रोटी मीठी होती है, आटा जलता नहीं है । साथ ही इससे पिसा हुआ आटा फाइबरयुक्त होता है जो हमारे शरीर के लिए फाय्देमंद होता है ।
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