तू बना मुक्कमल जहाँ खुद के लिए – मनोज कुमार निषाद

तू बना मुक्कमल जहाँ खुद के लिए,मेरा मुकम्मल जहाँ बसता है मेरे महबूब में, तू बना मुक्कमल जहाँ खुद के लिए,मेरा मुकम्मल जहाँ बसता है मेरे महबूब में, ख्वाहिशें तुम्हे […]