Tarkulha Devi Mandir Kahani : तरकुलहा माता मंदिर गोरखपुर जिले का सबसे प्रसिद मंदिर है यह चौरी-चौरा के करिब है , यहा की मान्यता है कि अगर आप सच्चे दिल से कुछ मांगते है तो आपकी वह मनोकामना बिलकुल पुरी होती है । लोगो का कहना है कि अगर आप माता के दरबार आकर आप कुछ मांगते है तो आप खाली हाथ नही लौटेंगे ।
आपको बता दे शारदिय नवरात्र मे तरकुलहा माता मंदिर (Tarkulha Devi Mata Mandir) मे भक्तो की लम्बी लाइन लगती है , यहा के गाव वाले और मंदिर के लोग सुबह उठ कर मंदिर की प्र्तिदिन सफाई करते है । Tarkulha Devi Mandir Kahani जाने ।
![Tarkulha Devi Mandir Kahani : तरकुलहा देवी मंदिर कहानी | Tarkulha Mata Temple 1 Kahani Tarkulha devi ki](https://1.bp.blogspot.com/-CZ8a-jEtxQk/XZoh1mA9DhI/AAAAAAAAABg/dm3yKf0SUDoLgJcxGcA1E1rKpGF6mK-hgCLcBGAsYHQ/s1600/Tarkulha%2BDevi%2BMandir%2BKahani8.jpg)
हाल मे उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्रि योगी आदित्यनाथ जी महाराज भी माता के दर्शन के लिये गये थे और वहा 2 करोड रुपये का शिल्नयास भी किये , अब तरकुलहा माता मंदिर की खुबशुरती और भी ज्यादा हो जायेगी , माता मंदिर को पर्यटक स्थल बनाया जा रहा जिससे इस मंदिर का और नाम हो और लोग माता की दर्शन के लिये आये ।
यहा की एक कहानी आजादी की लडाई से भी जोड्ती है , कहाँनी के अनुसार इस मंदिर का योगदान आजादी की लडाई मे भी थी । कभी तरकुलहा माता मंदिर घना जंगल हुवा करता था , आज सारे पेड कट चुके है , इसे हम एक तिर्थस्थल भी कह सकते है । यह गोरखपुर शहर से लगभग 22 किलोमिटर दुर है ।
Tarkulha Mela तरकुलहा मेला (Tarkulha Devi Mandir Kahani)
![Tarkulha Devi Mandir Kahani : तरकुलहा देवी मंदिर कहानी | Tarkulha Mata Temple 2 Mela in Tarkulha Mandir](https://1.bp.blogspot.com/-VM_gkS5RZ3w/XZoh1S-uIxI/AAAAAAAAABY/LWULfuk3pVca59KG_t5bkBQTZDdn2k9NACLcBGAsYHQ/s1600/Tarkulha%2BDevi%2BMandir%2BKahani7.jpg)
माता के मंदिर के प्रांगण मे हर साल नवरात्री मे भारी मेले का आयोजन होता है , यहा दुर-दुर से लोग आते है । अगर आप हमारा ये पोस्ट पढ़ रहे है तो आपसे आग्रह है कि एक बार माता के मंदिर जरुर आये । यह मेला नवरात्रि मे शुरु होती है और लगभग एक महिने तक चलती है । इस मेले मे हर तरह की चिजे बिकती है , सर्कस इत्यादि भी होती है ।
Tarkulha Temple का प्रसाद होता है मिट
![Tarkulha Devi Mandir Kahani : तरकुलहा देवी मंदिर कहानी | Tarkulha Mata Temple 3 Tarkulha Devi Mandir Kahani](https://1.bp.blogspot.com/-31M2Ygz249c/XZoh1Xb4TeI/AAAAAAAAABc/sa_N4VLi9MAWhGgAKdPDJ0dwpj-VT6QNQCLcBGAsYHQ/s1600/Tarkulha%2BDevi%2BMandir%2BKahani5.jpg)
यह मंदिर बलिदान की कहाँनी से जुडा है आपने साय्द ये पहली बार सुना हो लेकिन यहा प्रसाद के रुप मे बकरे का मिट मिलता है । यहा लोग अपनी मन्न्ते मांगते है और जब वह पुरी होती है तो लोग यहा बकरे का मिट चढाते है । यह मिट्टी के बरतन मे बनाया जाता है , यह प्र्साद रुपी मिट बहुत स्वादिस्ट होता है । पुराने मंदिरो मे बलि की परम्परा थी , लेकिन अब नही है । लेकिन तरकुलहा माता मंदिर मे अभी भी बलिदान की परम्परा है ।
![Tarkulha Devi Mandir Kahani : तरकुलहा देवी मंदिर कहानी | Tarkulha Mata Temple 4 Top Places in Gorakhpur](https://1.bp.blogspot.com/-8F8bOLiFbxE/XZoh0DRZCEI/AAAAAAAAABQ/D-0TBb6pURECiO8Mn4FY3JnrE1-otd7FgCLcBGAsYHQ/s1600/Tarkulha%2BDevi%2BMandir%2BKahani%2B3.jpg)
Tarkulha Mata Mandir Story in Hindi
बात करिब 163 साल पुरानी है करिब 1857 की है , यहा पुरा जंगल हुवा करता था आस-पास लगभग कोई गाव नही होता था । डुमरी रियासत के बाबु बंधु सिंह माता के भक्त थे , वह गुर्रा नदी के किनारे बैठ कर माता का ध्यान किया करते थे । बाबु बंधु सिंह ने अंग्रेजो के खिलाफ क्रांति शुरु कर दी थी । बाबु बंधु सिंह छत्रिय थे उनका अंग्र्जो के नाम से खुन खौलता था , वे गुरिल्ला लडाई मे पारंगत थे और जंगल के हर एक रास्ते से वाकिफ थे ।
![Tarkulha Devi Mandir Kahani : तरकुलहा देवी मंदिर कहानी | Tarkulha Mata Temple 5 Famous Temples in India](https://1.bp.blogspot.com/-I1KX5oZKTJs/XZohz_s24bI/AAAAAAAAABM/AOX5v9h0u_QpNyVGYij3AK7_KEcTnQQawCLcBGAsYHQ/s1600/Tarkulha%2BDevi%2BMandir%2BKahani%2B1.jpg)
जब अंग्रेज जगल मे घुस उन्हे मारने की कोशिश करते थे तो वह उनका सर काट कर माता के कदमो मे चढ़ा दिया करते थे । अंग्रजो को समझ नही आता था क्यु उनके सैनिक जंगल से वापस नही आते थे उन्होने उनहे जंगल मे बहुत खोजा पर उनका पता नही पा सके , किसी गुप्तचर की वजह से उनका पता अंग्र्जो को चल गया ।
अंग्रेजो ने उनहे गिरफ्तार कर लिया और फासी की सजा सुना दी , कहा जाता है जब उन्हे फासी दी जा रही थी तब फासी का फंदा करिब 6 बार टुट गया और अंग्रेज हर बार विफल हो गये अंत मे बंधु सिंह ने खुद माता से कहा कि उन्हे जाने दे और अंग्रेजो ने उन्हे फासी दे दी । यहा बंधु सिंह की स्मारक भी बनी है ।
इसके बाद से ही माता के मंदिर मे भक्तो का ताता लगने लगा , और जो भी आया उसकी मनोकामना भी पुरी हुई । लोग यहा अपने बच्चो का मुंडन , वाहनो का पुजन इत्यादी भी कराते है ।
अगर आपको माता की कहानी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करे । और ज्यादा लोगो तक माता की गाथा को पहुचाये ।
Tarkulha Devi Temple Gorakhpur
Tarkulha Mandir Kaha Hai
तरकुलहा देवी मंदिर चौरी-चौरा, गोरखपुर के समीप है, यह गोरखपुर देवरिया रोड पर स्थित है ।
babu bandhu singh kaun the
डुमरी रियासत के बाबु बंधु सिंह tarkulha माता के भक्त थे ।
Budhiya Mata Mandir Kahani Gorakhpur