History of Gorakhpur Gorakhnath – दोस्तो आज मै सुप्रिया आपके लिए लेकर आयी हुँ अपने शहर गोरखपुर का इतिहास और गोरखनाथ मन्दिर की कहानी । आज मै आपको अपने शहर गोरखपुर के बारे मे हर खुबी और History of Gorakhpur Gorakhnath के बारे मे बनाने वाली हुँ |
वैसे तो जिला गोरखपुर के बारे मे लिखने की जरुरत नही है , क्युकि जिला गोरखपुर साय्द ही कोई हो जो न जानता हो । हमारे शहर मे बारे मे अपने ही देश मे नही विदेशो मे भी इसके बहुत ही चर्चे है |अन्य देशो मे कहा जाये की हम उत्तर प्रदेश के रहने वाले है तो भले ही कोई जाने न जाने लेकिन आप अगर गोरखपुर के है कहोगे तो आपको लोग जरुर जानेगें |
गोरखपुर प्राचिन सस्कृति और सभ्यता का केन्द्र है , आपको बता दे गोरखपुर मे राप्ती और रोहिणी नदियों का संगम होता है । गोरखपुर के पास ही एक जिला है जिसका नाम है कुशीनगर इसे तो आप जानते ही होगे , कुशीनगर का पहले नाम कुशिनारा था लेकिन बाद मे इसे बदल कर कुशीनगर कर दिया गया |
आपने गौतम बुद्ध का नाम तो सुना ही होगा गौतम बुद्ध ने भी कुशीनगर मे ही अपना शरिर त्यागा था , कुशीनगर मे लोग विदेशो से घुमने आते है यह एक पर्यटन स्थल भी है । भगवान महाबीर भी कुशीनगर के पास ही यही पैदा हुवे थे , जहा वो पैदा हुवे थे उस स्थान का नाम है पावापुरी जो की कुशीनगर से बहुत ज्यादा दुर नही है |
तो दोस्तो चलिए जानते है गोरखपुर की कहानी |
कहानी गोरखपुर की ( History of Gorakhpur )
मध्यकालिन समय मे , एक सन्त हुवा करते थे जिनका नाम था गोरक्षनाथ उन्ही के नाम पर आज हमारे शहर का नाम है गोरखपुर , हमारे गोरखपुर शहर मे एक बहुत ही अच्छी मन्दिर है जिसे आप जानते ही होगे गोरखनाथ मन्दिर ।
हमारे शहर मे बहुत ही प्रसिद्ध मन्दिर है तो चलिए देखिये प्रसिद्ध मन्दिर की लिस्ट जहा भक्तो का ताता लगा रहता है यहा प्रतिदिन हजारो भक्त दर्शन के लिए जाते है बहुत दुर-दुर से लोग दर्शन के लिए आते है ।
- गोरखनाथ मन्दिर – ( गोरखनाथ -गोरखपुर )
- बुढ़ीया माता मन्दिर – ( कुस्मही , गोरखपुर -कसया रोड , गोरखपुर शहर से 13 किलोमिटर आगे पुर्व दिशा मे )
- तरकुलहा माता मन्दिर ( तरकुलहा , चौरी-चौरा -गोरखपुर )
- काली माता मन्दिर ( गोलघर गोरखपुर )
भारत के प्रसिद्ध कवि और प्रसिद्ध सन्त कबीर भी यहीं रहते थे और मगहर नाम का एक गाँव उन्होने अन्तिम सास लिया था , आपको बता दे मगहर गोरखपुर शहर से लगभग किमी दुर है यह सन्तकबिर नगर जिले मे आता है इस जिले का नाम भी कवि कविरदास के नाम पर ही रखा गया है ।
आज हमारा शहर बहुत आगे जा चुका है , हमारे शहर मे भी AIIMS Gorakhpur खुल गया और भी यहा बाकी अच्छे काम हुवे है । अगर आप कभी गोरखपुर नही आए है तो आपको एक बार यहा आना चाहिये ।
दुनिया का सबसे लम्बा प्लेटफ़ार्म ( World’s Longest Platform , Gorakhpur )
गोरखपुर शहर का रेलवे प्लेटफ़ार्म दुनिया का सबसे लम्बा प्लेटफ़ार्म मे आता है , इससे तो पुरी दुनिया जरुर से गोरखपुर शहर के बारे मे जानती है । यह 1.34 किलोमीटर (0.83 मील) लंबाई मे है ।
हमारे शहर मे और भी बहुत अच्छी-अच्छी चिजे है । आप निचे कमेन्ट जरुर करना और बताना क्या आप कभी गोरखपुर आये है या फ़िर अगर आप गोरखपुर के है तो आपको अपना शहर कैसा लगता है ।क्या कभी आपने Gorakhpur ka itihaas पढा़ है ।
गोरखपुर के गौरव History of Gorakhpur Gorakhnath
गोरखपुर राहुल सांकृत्यायन का जन्म स्थान है। प्रसिद्ध हिन्दी लेखक मुंशी प्रेमचन्द की कर्मस्थली भी यह शहर रहा है।
- योगी आदित्य नाथ ( मुख्यमन्त्रि उत्तर प्रदेश )
- अवैद्यनाथ जी महाराज
- राहुल सांकृत्यायन
- मुंशी प्रेमचन्द
- कबीरदास्
- भगवान महाबीर
गोरखनाथ मन्दिर के बारे मे Gorakhnath Temple, Gorakhpur
मकर संक्रान्ति के अवसर पर हर साल यहा बहुत ही बङा मेला लगता है और यहा हजारो के सख्या मे लोग दर्शन करने आते है ।
लोगो का कहना है कि गोरखनाथ मन्दिर से कोई भी भक्त खाली हाथ नही जाता है वह जो मांगता है वह पुरा जरुर होता है ।
अगर आपको हमारी गोरखपुर की यह आर्टीक्ल पसन्द आयी है तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करे ताकि आपके शहर के बारे मे और लोग भी जान सके ।
__धन्यवाद__
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