गोरखपुर : नौका बिहार के बाद अब सुमेर सागर ताल बढ़ाएगा गोरखपुर शहर की सुन्दरता, गोरखपुर मे अस्तित्व खो चुके ताल सुमेर सागर को दोबारा वजूद में लाने के लिए जिला प्रशासन सख्त होकर कार्य कर रहा है ।
11 एकड़ में फैले ताल सुमेर सागर को भू-माफियाओं और अफसरों ने मिलकर जमीन का स्वरूप दे दिया। इसके चलते वहां से ताल का अस्तित्व ही खत्म हो गया और उस पर कई वाणिज्यिक और रहने योग्य घर बन गए। अब गोरखपुर जिला प्रशासन ताल को अपना वास्तविक स्वरूप देने के लिए पुरे तरह से तैयार है ।
ताल की जमीन से अवैध कब्जा ध्वस्त कराने के बाद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल सुमेर सागर ताल को चंडीगढ़ के सुखना लेक की तरह विकसित करना चाहते हैं। इसके लिए ले-आउट पुरी तरह से तैयार हो चुका है। सोमवार को ले-आउट को अंतिम रूप देने के लिए सदर तहसील में आर्किटेक्ट के साथ प्रशासन की बैठक भी हुई।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट गौरव सिंह सोगरवाल के अनुसार 11 एकड़ में करीब 6 एकड़ में मुख्य ताल होगा। उसके किनारे-किनारे करीब 1.5 किलोमीटर का जॉगिंग ट्रैक भी होगा। चार एकड़ में पार्क, गाड़ियां खड़ी करने के लिए पार्किंग और फूड कोर्ट विकसित किया जाएगा। म्यूजिकल फाउंटेन, लाइटिंग और लोगों के बैठने के लिए बेंच आदि की भी व्यवस्था की जाएगी।
उनका कहना है कि वजूद खो चुुके सुमेर सागर ताल को फिर से ताल का स्वरूप देने से यह शहर के लिए एक अलग पहचान तो बनेगा ही बनेगा, साथ ही आस-पास के 1.10 लाख लोगों को बरसात मे जलभराव से भी मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही ताल के बनने से पानी का संरक्षण भी किया जा सकेगा।